भारत के लोगों का दूध का पवित्र मानना और कोरिया के लोगों का दूध का कुछ भी नहीं मानना ऐसा क्यों?

आज हम बात करने वाले हैं फूड कल्चर की जैसा कि आप जानते हैं कि हर देश में खाना बहुत जरूरी होता है बहुत-बहुत बहुत जरूरी होता है कि बिना खाने में तो कुछ है ही नहीं खाने की जिंदगी अधूरी है और तुम्हारी जान भी तो आज हम जानेंगे भारत और कोरिया के कल्चर में क्या डिफरेंस है?

1. भारत के दूध को पवित्र मानते हैकोरिया दूध को कुछ भी नहीं।जैसा कि सब जानते हैं भारत में दूध कितना जरूरी है बल्कि कोरिया में दूध को आए 70 साल भी नहीं हुए और भारतीय इस बात से सहमत होंगे कि उनके देश में दूर से कितनी सारी चीजें बनाई जाती है उदाहरण के तौर पर कितनी सारी मिठाई बनाई जाती है और घी बनाया जाता है और साथ ही सेवई इतनी सारी चीजें दूर से बनाई जाती है और वह खाने में भी स्वादिष्ट होती है

क्या कहें और घी को भारत में खाने का बेस कहा जाता है। शॉर्ट फॉर्म में कहे तो अगर भारत के खाने में से दूध निकाल दिया जाए तो भारत में खाने के लिए वह कमरे से बचेंगे ऐसा लगने लगता है और बल्कि खाने में भी मजा नहीं आएगा इसलिए भारत के लोग दूध और दूध से बनी चीजों को काफी पवित्र मानते हैं बल्कि कोरिया में बिल्कुल इसका उल्टा चलता है आप लोगों की जानकारी के लिए बता दूं जहां भारत में लोगों को दूध को इतनी जानकारी है वहां कोरिया में दूध का है वह भी 70 साल भी नहीं है

भारत में हर खाने का स्वाद बढ़ाने के लिए घी और मक्खन का इस्तेमाल होता है कोरिया में कई लोगों के शरीर में दूध क्षमता नहीं है। कोरिया में शायरी कोई ऐसा खाना मिलेगा जिसमें दूध का थोड़ा सा भी इस्तेमाल किया गया हो। भारत के लोगों को भारत का खाना काफी सिक्का लगता है बल्कि हम कोरिया के लोगों को भारत का खाना बहुत ज्यादा हैवी लगता है कह सकते हैं कि कोरिया के देश में दूध पीने का कल्चर कभी था ही नहीं।

कोरिया में दूध कैसे आया?तो कोरिया में दूध अमेरिका के द्वारा लाया गया था अमेरिकन अमेरिकन लोगों ने ही कोरिया को दूध के बारे में बताया था फिर भी कोरियन के अंदर दूध को हजम करने की क्षमता है ही नहीं इसलिए काफी कोरियन लोग दूध को पीने नहीं

पाते और यह ही नहीं हो रहा में दूध से बना हुआ कोई खाना भी नहीं बनता है।

भारत को मिठाइयों का देश कहना और कोरिया के लोगों को मीठा ना पसंद आना इसका रिजन क्या है?

भारत मिठाइयों का देशकोरिया मीठी चीजें नहीं पसंदभारत के लोगों को मिठाई इतनी पसंद है कि क्या बताएं कितनी पसंद है भारत के लोगों में अगर मिठाई ना मिले तो शायद उनको लगेगा उन्हें कुछ मिला ही नहीं लेकिन दूसरी तरफ जहां कोरियन है कोरिया के लोगों को मीठा लगता है मीठा खाने से मोटापा बढ़ता है

उनकी सेहत के लिए अच्छा नहीं है और और ना ही कोई मीठा खाना पसंद करता बल्कि भारत में ठीक इसका उल्टा होता है लोग यहां बिना मिठा खाए रह नहीं सकते बिना खाना खाना खाने के बाद या खाना खाने से पहले या कभी भी उन्हें कुछ ना कुछ मीठा खाने को जरूरी चाहिए होता है लेकिन जहां दूसरी तरफ कोरिया है कोरिया के लोगों को मीठी चीजें ना के बराबर पसंद है लेकिन ऐसा सारे कोरियंस को नहीं कह सकते हैं।

सब आप सब सोच रहे हो कि अगर कोरिया के लोग मीठा खाते ही नहीं तो मैं मुंह मीठा करने के लिए क्या खाते होंगे?

भारत में जैसे किसी खुशी के अवसर पर मिठाई खाई जाती है खिलाई जाती है और आपस में बढ़ती जाती है ऐसा सिस्टम माना जाता है लेकिन इसके अपेक्षा कोरिया में इसका उल्टा है अगर कोई चीज का सेलिब्रेशन करना होता है तो वह लोग या तो गिफ्ट देते हैं या तो पैसे देते हैं। और कोरिया के लोग डिनर के बाद कुछ मीठा नहीं खाते उसके बदले कुछ लोग कॉफी पीना बंद करते हैं या तो कुछ लोग बस ऐसे ही रह जाते।

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