ईद क्यों मनाई जाती है? इसको मनाने की वजह क्या है?
ईद क्यों मनाई जाती है? – भारत एक विविधता में एकता के प्रतीक को संजोए रखने वाला देश है यहां हिंदू धर्म को मानने वालों की संख्या अन्य धर्मों के मुताबिक बहुत अधिक है फिर भी यहां सभी धर्मों के लोग एक साथ मिलकर रहते हैं और भाई चारे के साथ रहते हैं और एक दूसरे की खुशियों में शामिल होते हैं हिंदू धर्म के सारे पर्व होते हैं जिसमें पूरा देश एकजुट होकर त्योहारों को मिलकर मनाता है और हर त्यौहार को एक साथ मिलजुल कर भाईचारे के साथ सभी धर्म के लोग बनाते हैं उसी प्रकार मुस्लिम समुदाय के लोगों के अपने पर्व होते हैं जो वह पूरी स्वतंत्रता के साथ मना सकते हैं हमारे राष्ट्रीय को खुशियों के रंग और आकर्षण से भर देता है ऐसा दृश्य आपको किसी और देश में देखने को नहीं मिलेगा।
मुसलमानों के साथ साथ हिंदू लोग भी ईद का इंतजार क्यों करते हैं?
मुस्लिमों के अनेक त्योहारों में से एक ऐसा पर्व इसका मुस्लिम लोगों के साथ-साथ हिंदू लोग भी बेसब्री से इंतजार करते हैं क्योंकि इस दिन उन्हें हिंदू भाई बहनों की तरफ से लजीज सवाई सिर और बिरयानी खाने के लिए दावत दी जाती है। हिंदू लोगों को मुसलमानों के खाने अत्यधिक प्रिय है और इसे खाने के गुस्सा में हिंदू लोग भी इस दिन का बेसब्री से इंतजार करते हैं।
ईद किस चीज का प्रतीक है? और यह शब्द किस भाषा से उद्धृत है?
मुस्लिम समुदाय के द्वारा बनाए जाने वाला यह खास पर्व जो ईद है जो प्रधानता स्वतंत्रता सुंदरता और प्रस्पारिक मधुर मिलन के भाव को प्रदर्शित करने वाला तोहार है इसे लोग ईद उल फितर भी कहते हैं यह शब्द अरबी भाषा से लिया गया है
ईद शब्द का अर्थ और इस को और किस नाम से जाना जाता है?
जिसका अर्थ है फेस्टिवल ऑफ द एंडिंग फास्ट यानी रोजे की समाप्ति का तोहार और ईद का मतलब है खुशी आनंद भोज और उत्सव मनाना अलफित्र का मतलब होता है रोजे की समाप्ति फितर शब्द का एक अन्य अर्थ और भी होता है उसी तरह फितरा शब्द से निकलता है जिसका अर्थ है दक्षिणा।क्या मुसलमान लोग ईद के दिन गरीबों के समक्ष दान दक्षिणा करते हैं?
हालांकि रमजान के महीने में गरीबों के समक्ष दान दक्षिणा देने की परंपरा होती है जिसे जतात के नाम से भी जाना जाता है।
मुस्लिम रोजा क्यों रखते हैं?इसको रखने के पीछे उनके क्या उद्देश्य होते हैं?
Muslim लोगों का मानना है कि रमजान के महीने में रोजा रखने से उनकी आत्मा पवित्र होती है और इस दौरान नमाज और कुरान पढ़ने से उनके लिए नर्क के दरवाजे बंद होते हैं और जन्नत के दरवाजे खुल जाते हैं पूरे 30 दिन के त्याग और तपस्या के बाद जब रमजान महीने के अंतिम दिन जब आकाश में ईद का चांद दिखाई देता है तब उस के दूसरे दिन ईद मनाई जाती है।
ईद का त्योहार मुसलमानों के लिए कितना महत्वपूर्ण होता है और इस दिल मुसलमान कुरान क्यों पड़ते हैं?
मुसलमानों का सबसे महत्वपूर्ण धार्मिक त्योहार है यह तो हार पूरे विश्व में भारत सहित उल्लास के साथ मनाया जाता है ईद सामाजिक तालमेल और मोहब्बत का एक मजबूत धागा है इस्लाम धर्म की परंपराओं का है एक रोजगार के लिए इसकी अहमियत का अंदाजा अल्लाह के प्रति कर्तव्य से लगाया जा सकता है रमजान के महीने में माना जाता है कि कुरान उतारी गई थी इसलिए मुसलमान कुरान पढ़ते हैं।
ईद क्यों मनाई जाती है?
हिजरी कैलेंडर के अनुसार साल के 10 महीने यानी सवाल के पहले दिन इस त्यौहार को पूरी दुनिया में बनाया जाता है इस्लामिक कैलेंडर मई महीना चांद देखने के साथ शुरू होता है जब तक चांद नहीं दिखे तब तक रमजान का पाक महीना नहीं होता इस तरह रमजान के आखिरी दिन चांद देखने के बाद अगले दिन ईद मनाई जाती है।
ईद को बनाने के पीछे क्या प्राचीन कथा है?
जैसे हिंदू धर्म के अनेक त्यौहार को मनाने के पीछे कई कारण छिपे हैं उनके पीछे पुरानी का कहानियां है ठीक उसी प्रकार ईद मनाने के पीछे भी एक बहुत बड़ी प्राचीन कहानी है पैगंबर मोहम्मद अल्लाह जंग-ए-बदर के युद्ध में विजय प्राप्त की थी उनके विजय होने की खुशी में सबका मुंह मीठा करवाया गया था इसी दिन को मीठी ईद फितर के नाम से जाना जाता है।
सबसे पहला ईद उल फितर कब मनाया गया था?
ऐसी मान्यता है कि 624 में पहला इधर फितूर बनाया गया था पैगंबर मोहम्मद ने बताया बनाने के लिए अल्लाह ने कुरान मैं पहले से ही दो सबसे पवित्र दिन बताए हैं जिन्हें ईद उल फितर ईद उल जुहा कहा गया है।
इस्लाम में कितने तरह की Id मनाई जाती है?
इस प्रकार इस्लाम में दो तरह की बनाई जाती है एक होती है ईद उल फितर इसे मीठी ईद कहते हैं क्योंकि इस दिन लोग रमजान खत्म होने की खुशी में मीठी सेवइयां और शीर कोरमा खाते हैं और दूसरा होता है ईद उल जुहा जिसे बकरा ईद कहते हैं ईद उल जुहा इस्लामिक कैलेंडर के आखिरी मनाई जाती है रमजान का महीना होता है इसके खत्म होते ही दसवां महीना शुरू होता है जिसे सवाल कहते हैं
सवाल के पहले दिन क्या-क्या होता है? ईद क्यों मनाई जाती है?
इस महीने की पहली रात ईद की चांद रात होती है इंतजार खास होता है क्योंकि इस दिन रात को दिखने वाले चांद से ही इस्लाम में ईद उल फितर का ऐलान होता है इस तरह चांदी का पैगाम लाता है इस ईद रात को अल्फा कहा जाता है ऐसी मान्यता है कि ईद का चांद देखने के बाद अगर सच्चे मन से दुआ मांगो तो वह पूरी होती है तो इसलिए मुस्लिम भाई बहन ईद मनाते हैं।
ईद का त्यौहार हमें क्या शिक्षा देता है?
ईद का त्यौहार हमें यही शिक्षा देता है हमें मोहम्मद साहब के रास्ते पर चलना चाहिए और उनकी शिक्षाओं का पालन करते हुए किसी भी व्यक्ति के साथ भेदभाव नहीं करना चाहिए परंपराओं के अनुसार ईद उल फितर सवाल के पहले दिन होती है क्योंकि रमजान इस साल 23 अप्रैल को शुरू हुआ था तो इसीलिए ईद उल फितर कल यानी 14 मई को मनाई जाएगी।