झाड़ू को माता लक्ष्मी के रूप में क्या माना जाता है?

जैसा कि आप लोग जानते हैं झाडू की पूजा की जाती है लक्ष्मी के रूप में खास तौर पर दिवाली वाले दिन तो सब लोग लक्ष्मी का रूप झाड़ू को मानते हैं लेकिन बहुत से ऐसे लोग होंगे जिन्हें यह नहीं पता कि झाड़ू को क्यों लक्ष्मी जी का रूप माना जाता है या झाडू की पूजा क्यों की जाती है तो इस विषय में आगे जानेंगे।

झाड़ू को लक्ष्मी माता का रूप क्यों माना जाता है?

जैसा की आप सभी को पता है जब समुद्र मंथन हो रहा था तो मंथन के दौरान हैं लक्ष्मी जी निकली थी। जिनका विवाह विष्णु जी के साथ हुआ था इस संसार में जो भी वैभव दिखाई दे रहा है वह माता लक्ष्मी के अधीन माना जाता है माता लक्ष्मी सफाई को बेस पसंद करती हैं जहां भी स्वच्छता होती है वह कहते हैं कि लोग यहां पर लक्ष्मी माता का वास है और जो घर की झाड़ू होती है और वह हमारे घर की गंदगी को निकाल सकती है और कहते भी है ना की जहां सफाई रहती है वही माता लक्ष्मी आती है तो यही वजह है कि झाड़ू को घर की लक्ष्मी माना जाता है। देखिए झाडू से जुड़े ऐसे बहुत सारे वास्तु टिप्स है जो आपके लिए बहुत ज्यादा उपयोगी हो सकते हैं।

झाडू से जुड़े वास्तु टिप्स क्या है?

झाडू से जुड़े कुछ वास्तु टिप्स जैसा कि बहुत से लोग कहते हैं कि हमें झाड़ू कब लगानी चाहिए बहुत से लोग कहते हैं कि झाड़ू हमें मॉर्निंग दोपहर को लगानी चाहिए लेकिन बहुत से लोग कहते हैं कि हमें शाम के समय जब यानी कि सूर्य अस्त होता है तब हमें झाड़ू नहीं लगानी चाहिए तो बहुत से लोग यह भी सोचते हैं कि ऐसा क्यों है भाई इसका रीजन क्या है तो अब हम इसके बारे में भी जानेंगे।

सुबह झाड़ू लगाना अच्छा क्यों माना जाता है?

अगर हम शास्त्रों की माने तो सुबह सूर्य उदय होते समय झाड़ू लगाना बेहद अच्छा माना जाता है क्योंकि सूर्य उदय होने के समय लोगों का मानना है कि इस समय माता लक्ष्मी का आगमन भी घर में होता है और अगर घर साफ सुथरा रहेगा तो माता लक्ष्मी जरूर आएंगे क्योंकि जैसा की आप सभी को पता है कि माता लक्ष्मी स्वच्छ घर में ही आते हैं या सच घर में ही वास करती हैं तो इसीलिए सुबह के समय झाड़ू लगाना बेहद अच्छा माना जाता है लोग कहते हैं इससे घर में वृद्धि होती है धन की कभी कमी नहीं होती है।

शाम के समय झाड़ू क्यों नहीं लगानी चाहिए?

लोग ऐसा मानते हैं कि शाम के समय झाड़ू लगाने से माता लक्ष्मी रूस्ट हो जाती हैं क्योंकि उस समय सूर्य अस्त हो रहा होता है उस समय आराम करने का समय होता है नाही आगमन का। और वैज्ञानिकों की माने तो उनकी मान्यता यह है कि शाम के समय झाड़ू इसलिए नहीं लगानी चाहिए क्योंकि पहले के समय में लोगों के घर में लाइट बल्ब नहीं हुआ करता था तो वह लोग जो हमारे पूर्वज थे वह शाम को झाड़ू लगाने से मना करते थे उसके पीछे का कारण यह है कि उन्हें लगता था कि कहर का कोई कीमती सामान अंधेरे में कचरे के साथ बाहर न निकल जाए इसीलिए बड़े बुजुर्ग लोग पहले के शाम को झाड़ू लगाने के लिए मना करते थे ताकि उनके घर कोई भी कीमती सामान बाहर ना चला जाय।

टूटी हुई झाड़ू का प्रयोग क्यों नहीं करना चाहिए?

बुजुर्गों का मानना है कि अगर आपकी जो टूट जाती है तो टूटी हुई झाड़ू का उपयोग नहीं करना चाहिए और टूटी हुई झाड़ू को शनिवार के दिन शाम को बाहर निकाल देना चाहिए और अगर झाड़ू को रखने की दिशा की बात की जाए तो झाड़ू को रखने की सबसे अच्छी दिशा पश्चिम की दिशा मानी जाती है कहते हैं कि आपकी जा झाड़ू को किसी के सम्मुख नहीं रखना चाहिए क्योंकि यह घर की नेगेटिव एनर्जी को बाहर निकालती है और अगर यदि हर आने जाने वाला व्यक्ति सामने झाड़ू पर पड़ेगी तो आना किटी बनर्जी वहां आएगी ना कि घर से जाएगी तो कोशिश करेगी का झाड़ू को छुपा कर रखें और हो सके तो पश्चिम की ओर रखें।

झाड़ू को खड़ा करके क्यों नहीं रखना चाहिए?

आपने अक्सर बड़े बुजुर्गों के मुंह से यह जरूर सुना होगा कि झाड़ू को कभी खड़ा करके नहीं रखते हैं इसके पीछे का कारण यह है कि उनका मानना यह है कि जब भी झाड़ू को खड़ा रखा जाता है तो लड़ाई होती है और घर की तरक्की में बांदा आती है इसीलिए अपनी झाड़ू को हमेशा लेटा कर ही रखना चाहिए।

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