21 जून ही क्यों होता है साल का सबसे बड़ा दिन?
साल में यूं तो 365 दिन होते हैं हालांकि हर दिन एक जैसे नहीं होते कभी दिन छोटे कभी दिन लंबे होते हैं और कभी दिन और रात में ज्यादा अंतर नहीं होता 3 जून को साल का सबसे लंबा दिन बताया गया है इस दिन भारत के साथ नॉर्थ हेमिस्फीयर में स्थित सभी देशों के दिन बड़े और रात छोटी होती है दिन में एक दिन ऐसा भी आता है जब आप का साथ छोड़ देती है जान लेते हैं 21 जून को सबसे बड़ा दिन क्यों होता है
आइए जानते हैं 21 जून को सबसे बड़ा दिन क्यों होता है।
1 जून को सबसे बड़ा दिन होने का कारण यह है कि इस दिन सूरज कर्क रेखा के मध्य आ जाता है इस दिन सूर्य की किरणें ज्यादा समय तक धरती पर रहती है इस दिन 15 से 16 घंटे करीब सूर्य की किरणें धरती पर पड़ती है और एक दिन कुछ समय के लिए आपकी परछाई भी साथ छोड़ देती है यह तब होता है जब सूरज कर्क रेखा के ऊपर होता है यह भी पृथ्वी की एक प्रक्रिया है इसमें चिंता की कोई बात नहीं है पृथ्वी अपने अक्ष में सूर्य का चक्कर लगाती है पृथ्वी अपने अक्ष से 23.5 झुकी हुई है सूरज की रोशनी धरती पर हमेशा एक जाती रहती है और दिन और रात का समय देशों में थोड़ा अलग सा रहता है
21 जून को सूरज कहां पर रहता है
21 जून को सूरज कर्क रेखा पर रहता है इस दिन दोपहर के समय सूरज बहुत ऊपर रहता है और रातें लंबी होने लगती है और 21 सितंबर आते आते दिन और रात बराबर होने लगते है 21 सितंबर से 23 दिसंबर तारीख यह सिलसिला जारी रहता है
साल की सबसे लंबी रात कौन सी होती है
23 दिसंबर साल की सबसे लंबी रात होती है और दिन छोटा होता है 23 दिसंबर के बाद दिन की लंबाई बढ़ने लगती है 21 जून तक यह सिलसिला चलता रहता है जरूरी नहीं है कि 21 जून हमारे लिए सबसे लंबा दिन है तो सबके लिए 21 जोड़ी सबसे लंबा दिन हो 20 21 व 22 इनमें से कोई भी दिन लंबा हो सकता है 22 जून को सबसे कम देखा गया है कि 22 जून को सबसे लंबा दिन होता है अधिकतर 21 जून में सबसे लंबा दिन दिखाई देता है इतनी बार 1975 में 22 जून का दिन सबसे लंबा देखा गया था दिन और रात की लंबाई बढ़ने बढ़ने का सिलसिला हर साल चलता रहा है जून तक दिन बड़े हो जाते हैं और दिसंबर आने तक इतने छोटे होने लगते हैं
आपको बता दें कि 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाया जाता है साल का सबसे लंबा दिन होने के कारण भी इस दिन को योगा दिवस के रूप में चुना गया\