उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में विभिन्न पार्टियों के प्रतिद्वंद्वी
लेकिन अलग अलग राजनीतिक दलों की तरफ से तैयारियां चल रहीं है। औऱ सभी एक दूसरे पर राजनीतिक प्रहार कर रहें है।
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में हालांकि अभी लगभग एक साल है।
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में हालांकि कुछ पार्टियों ने अभी तक कोई खास तैयारी शुरू नहीं की है।
किंतु कुछ दल जोर शोर से प्रयास करने में लगे हुए हैं।
भाजपा- भाजपा का चुनावी चेहरा मुख्यमंत्री योगी ही रहेगे।
हालांक भाजपा की तरफ से अभी कुछ खास तैयारी होती नही दिखाई दे रही है।
किंतु राम मंदिर का जोर शोर से निर्माण, प्रधानमंत्री मोदी और अमित शाह से उत्तरप्रदेश मुख्यमंत्री योगी की मुलाकात , कहीं न कहीं चुनावी मुद्दों की चर्चा की तरफ ही इशारा करती है।
राम मंदिर को स्वर्ग नगरी की तरह तथा बिल्कुल श्री राम के समय जैसी अयोध्या नगर बनाने का आदेश नरेंद्र मोदी ने दिया है।
इससे ज्यादा फिलहाल बीजेपी में हलचल नहीं है।
बीएसपी –
एक दो बार को छोड़ देें तो, बसपा ज्यादातर अकेले चुुुनाव लड़ने के लिये जानी जती है।
BJP की तरह ही बसपा में भी ज्यादा हलचल नही है। मायावती दलितों को ध्यान में रखकर चुुुनाव लड़ती है।
हालांकि सुनने में आया है कि दलित – मुस्लिमों का गठबंधन हो सकता है।
लेकिन इस गठबंधन की कोई बात मायावती और ओवैसी की तरफ से नहीं आयी है।
आम आदमी पार्टी
केजरीवाल ने दिसंबर 2020 में ये बयान दिया था कि उनकी पार्टी उत्तर प्रदेश से चुनाव लड़ेगी। और दिल्ली जैसा विकास मॉडल up में भी तैयार करेगी।
पार्टी का कहना है कि यूपी में जितनी भी पार्टियां अभी तक आयी हैं उन्होंने सिर्फ अपने घर ही पैसो से भरे हैं।
तथा यूपी के लोगों को छोटी छोटी सुविधाओं के लिए भी दिल्ली भागना पड़ता है।
केजरीवाल ने यूपी की जनता से आग्रह किया है कि वे पार्टी के पक्ष में मतदान करें।
केजरीवाल ने कहा है कि दिल्ली में बिजली , पानी , अस्पताल , बस ये सभी सुविधाएं मुफ्त मे दी जा रही हैं।
उनका कहना है कि यूपी में ऐसा हो सकता है , उसके लिए आप पार्टी ने जनता का समर्थन मांगा है।
समाजवादी पार्टी
समाजवादी पार्टी की तरफ से अखिलेश यादव दावेदार रहेंगे। पार्टी में चुनावी तैयारियां जोर शोर से चल रहीं हैं।
सपा की तरफ से किसानी मुद्दों को उठाने की पूरी तैयारी चल रही है।
किसानों को अपने पक्ष में करने की तैयारी अखिलेश यादव की तरफ से किये जा रहें हैं।
तथा राजनीतिक दौरे भी इन दिनों जोरों पर हैं। किसानों से भी समय समय पर वार्ता चल रही है।
कांग्रेस
कांग्रेस की तरफ से प्रियंका गांधी और राहुल गांधी अपनी छवि को पूरी तरह से सुधारने में लगे हुए हैं।
प्रियंका गांधी खूब दौरे कर रही हैं। प्रियंका गांधी भी किसानी मुद्दों को उठाने में लगी हुई है, उनका लक्ष्य किसानों को अपने पक्ष में करने का है।
इसलिए वह लगातार राकेश टिकैत तथा अन्य नेताओं से मुलाकात करने में जुटी हुई है।
प्रियंका ने गंगा यात्रा भी की है तथा गंगा से सटे गांव में भी दौरा किया है
वहाँ के किसानों से भी मुलाकात की तथा आश्वासन भी दिए हैं।
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