शिशुओं के लिए सेहतमंद भोजन
शिशु का भोजन – जन्म के समय से ही प्रत्येक शिशु के लिए माँ का दूध सबसे अच्छा रहता है।
माँ का दूध बच्चे के लिए सबसे बेहतर रहता है तथा पाचन शक्ति भी बढ़ाता है।
इससे शिशु को सभी पोषक तत्व और कैल्शियम मिलता है।
विषय सूची |
1. शिशुओं को आहार कब से खिलाना शुरू करना चाहिए। |
2. शिशु का आहार कैसा होना चाहिए। |
शिशुओं को आहार कब से खिलाना चाहिए
शिशु को 6 महीने का होने पर ही माँ के दूध के साथ कुछ ठोस आहार देना शुरू कर देना चाहिए , क्योंकि अब शिशु की भूख बढ़ने लगती है तथा उसकी वृद्धि के लिए सिर्फ मां का दूध कम पड़ता है।
किन्तु शुरूआत में शिशु को आहार बहुत ध्यान से और कुछ प्रमुख बातों का ध्यान रखकर है देना चाहिए-
शिशु का भोजन
बच्चे को शुरू में हल्का भोजन है देना चाहिए क्योंकि अभी बालक को आहार की आदत नहीं होती तो उसके सही पाचन के लिए हल्का आहार है दिया जाना चाहिए।
- 6 महीने का होने के बाद शुरुआत में दूध और ठोस आहार को साथ में मिला कर दिया जा सकता है,
- इससे शिशु को स्वाद में ज्यादा बदलाव भी नही लगेगा और यह उसके पाचन के साथ कैल्शियम के लिए भी अच्छा रहेगा।
- शिशु को भोजन खिलाने के लिए छोटी चम्मच का है उपयोग करें।
- सूजी को भून कर उसे दूध में उबालकर, सूजी की खीर बनाकर खिलाएं,
- यह बच्चो को अच्छा भी लगता है तथा शिशु के लिए बहुत हेल्थी भी रहता है।
- शिशु को शुरू में फल खिलाते समय भी ध्यान रखना चाहिए,
- शुरू में हम सभी फल नही खिला सकते क्योंकि सभी फलों की पाचन की तासीर एक जैसी नही होती और शिशु के लिये उन्हें पचा पाना संभव नहीं होता।
- शुरू में बच्चे को केला खिलाएं, केला शिशु के लिए बहुत पोष्टिक रहता है,
- केले को मैश करें फिर शिशु को खिलाएं।
- 8 से 9 माह का हो जाने के बाद सेब , नाशपाती जैसे फल कद्दूकस करके खिलाएं।
- दही भी शिशु के लिए लाभदायक होती है। इसमें प्रचूर मात्रा में कैल्शियम होता है
- जो बच्चो की वृद्धि के लिए आवश्यक है।
- यदि शिशु को सर्दी या जुकाम जैसी कोई समस्या हो तो उस समय उसे दही न दें।
- शिशु के भोजन में चीनी और नमक का इस्तेमाल कम से कम करें या न करें तो अच्छा है।
- ज्यादा चीनी या नमक बच्चे के लिए नुकसानदायक हो सकता है।
शिशु को सभी पोषक तत्व और कैल्शियम
- चुकंदर को उबालकर या उसकी प्यूरी बनाकर भी खिलाई जा सकती है
- यह बच्चों के दिमाग के लिए काफी लाभदायक होता है।
- किसी भी दाल को उबालकर उसका पतला सूप बनाकर बच्चे को पिलायें,
- यह बच्चे के पाचन के साथ उसे डिहाइड्रेशन जैसी समस्या से भी दूर रखता है।
- शुरुआत में शिशु के आहार में घी , तेल का उपयोग न करें।
- शिशु को भोजन कराते समय यह ध्यान रखें कि कोई भी भोजन न तो ज्यादा ठंडा हो और न ही अत्यधिक गरम हो।
- इसी तरह इस बात का भी ध्यान रखें कि भोजन ज्यादा देर रखा हुआ न हो, कोशिश करें कि जो भी बच्चे को खिलाएं वह ताजा ही बनायें।
- जब शिशु किसी शारीरिक समस्या बुखार या किसी और परेशानी में हो तो उसे ज्यादा आहार न देने की कोशिश करें फिर अंत में इससे उसका मन आहार से नहीं हटेगा।